Best Mastram Ki Kahaniya। दोस्त की बहन को यैसे चोदा

Mastram Ki Kahaniya: दोस्तों अगर आप चाहते हैं कि एक ऐसी कहानी सुनाना जो आपके मन को छू जाए. जो आपके लन्ड को खड़ा होने पर मजबूर कर दे और आपकी रात को मस्त बना दे। तू बिना देर किए इस कहानी को पूरा पढ़ें और कहानी को पढ़ते वक्त अपने लैंड को संभाल कर रखें।

क्योंकि इस कहानी मे मैं अपने सच्चे घटना को बताया हूं जिसे आप देखेंगे और सुनेंगे तो बहुत मजा आएगा जो एक खूबसूरत और मासूम लड़की की है जिसके साथ मै सारी रात बताया हूं और मैं उसे कभी नहींभूल पाऊंग।

लड़कों के लिए विशेष  रूप से बताना चाहता हूं। यदि आप इस कहानी को अंत तक पढ़ते हैं तो आपका लैंड हिलाने के लिए मजबूर हो जाएगा इसलिए आप कहीं एकांत में होकर इस कहानी को पढ़ें।

और लड़कियां ध्यानदे यदि आप सब इस कहानी को पढ़ रही हैं तो अपनी च** को खजूली करने के लिए अपने घर से कुछ गाजर और मुली जो आपकी चूत के लिए बहुत सहायक होंगे। तो चलिए मैं बिना समय वेस्ट किया आगे की कहानी को बताता हूं।

Mastram Ki Kahaniya की शुरुआत

यह बात उस समय की है जब मैं लखनऊ में एकनकरी कर रहा था। मैं एक कपड़े की दुकान पर रहता था और वहां पर कपड़ा सेल करने का काम करता था। सारा दिन कस्टमर को कपड़े दिखाना और उनके बातों को सुनना और उनको संतुष्ट करना यह सब करके मैं दिन भर बहुत थक जता था।

हमें महीने का 8000 रुपया मिलाता था उससे हमारा खर्चा नहीं चल पा रहा था. मैं इन सब से काफी परसान था. इतना मेहनत करते हुए भी मेरा खर्चा नहीं चल पा रहा था.

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मेरा नाम साजन और मेरे उम्र 26 है. मई एक गाव का रहने वाला था और खेत मे काम करने की कारन मेरा सरीर काफी काली हो जा रही थी. इसी कारन हमारे आस पास के लोग हमें देखकर हसते थे. और भाभी लोग तो जादे हसती थी. और अभी तक मई किसी लड़की को नहीं लाइन मारा था.

मैं क्या करता बाजार की हसीन लड़की को देखता और रात मे मुठ मारता था. जब भी मैं रात को सोता तो बिना मुठ मरे नहीं सोता था. यह सब मस्त मस्त बाजार की लड़की को देखने से होता था.

Mastram Ki Kahaniya
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मैं एक छोटे ससे कमरे मे रहता था. उस कमरे मे एक बहुत पुरानि पलंग थी मैं हर रत को दारू पिता और उसी पलंग पर सो जाता. और अपने रेडिओ को चालू कर के सुनता.

Mastram Ki Kahaniya मे हमारा प्रतिदिन कम था की मैं सुबह श्याम च्या की दुकान पर घुमता और रात को दारू पिता और सो जाता यह सब बिल्क्कुल पागल कर सिया था, मैं अब एक लड़की की खोज रहा था जो हमारे साथ सो सके और मजा दे सके. और मेरे इस लंड की कहानी को समझ सके.

Mastram Ki Kahaniya मे कुछ-कुछ बदलावा

एक दिन मेरी जिंदगी मे एक येसा समाया आया जब सब कुछ बदलने वाला था. हमारी गाव मे एक हमारा दोस्त रहता था. जिसका नाम रमेश था. और रमेश की बहन थी जो घर पर फालतू ही बैठी थी . रमेस उसे हमारे यहाँ लाया की उसे एक नौकरी मिल सके जिससे वह भी कुछ कमाई कर सके.

रमेस के पास बहुत मजबूरिय थी पुरे घर का समस्या और बाहर की समस्या हर चीज को रमेश को ही देखना था. और घर मे रहने तक की समस्या थी.

एक दी रमेश आया और हमसे हाथ जोड़ कर कहने लगा भाई अभी हमारे पास काफी समस्या है तुम कुछ दिन के लिए पूजा को अपने पास रहने दो मै इसके लिए कुछ काम ढूढ कर फिर इसे एक अलग रूम दिला दुगा.

इतना सब कुछ सुनाने के बड हमारा मन तो काफी खुस हुआ, मेरे पास एक लड़की तो आ गयी अब हमारी रात रंगीन होगी. मैंने रमेश से दोस्त मेरे पास काफी जगह है तुम टेंसन नहीं लेना.

रमेश:- भाई ध्यान देना पूजा मेरी प्यारी बहन है कुछ होने नहीं पाए.

मैं:- अरे ठीक है सब कोई दिक्कत नहीं होगा यहाँ मैं दिनभर दुकान पर ही रहता हु और वह मेरा खाना भी बना देगी.

रमेश:- अच्छा मैं चलता हु और श्याम को आऊंगा.

अब मैं आज जल्दी से दुकान से आया और घर के सभी कमरों मे सभी चीजो को सही किया और सभी का[कपड़ो को साफ किया. मैं खुद की सजा और आच्छे दिखने का प्रयास किया.

क्योंकि आज हमारे मन में लड्डू फूट रहे थे आज पहली बार कोई लड़की हमारे पास रहेगी. फिर शाम को पूजा अपने भाई रमेश के साथ आए जब पूजा हमारे घर में घुसी तो हम बहुत ही गजब महसूस करने लगे।

पूजा एकदम बर दूध की तरह सफेद दिख रहे थे उसके लंबे-लंबे बाल बहुत सुंदर लग रहे थे। उसने लाल सलवार और सूट पहनी थी और दिखने में बहुत ही सुंदर लग रही थी। उसकी पतली कमर और उसके दोनों चूचियां ऐसे दिख रहे थे जैसे पकड़ कर दबा दो।

फिर रमेश ने कहा साजन लो भाई मेरी बहन ही रहती है आप इसे देखो मैं कुछ दिन फिर रहने का इंतजाम कर दूंगा और रमेश चाय पिया और फिर चला गया। 

Mastram Ki kahaniya पहली बार कुंवारी मिली

पूजा का बाइक चला गया तो फिर अब हम दोनों कमरे में अकेले थे पूजा और मैं और मैं हर बड़ा रहा था क्योंकि पहली बार किसी लड़की के साथ ऐसे अकेले खड़ा था और हमें थोड़ा सा बहुत ही गति महसूस हो रहा था और पूजा भी थोड़ी-थोड़ी शर्म आ रहे थे उसने अपने बेड को कोने में रखा और चुपचाप पलंग पर लेट गई उसकी आंखें दिखने में बहुत मतवाली लग रही थी। 

मैं:- पूजा तुम्हें लगता है तुम्हें भूख लगा होगा बनाया जाए? 

पूजा:- जरूर भैया थोड़ा सा हमें लगता भी भूख लगा हुआ है 

मैं:- अरे यह क्या करें मैं तुम्हारा भाई थोड़ी ना हूं 

उसके बाद पूजा थोड़ी सी हंसी और बोली ठीक है साजन जी। 

फिर मैं किचन में गया और रोटी सब्जी बनाई और मैं पूजा को चोरी चोरी देख रहा था उसकी कमर बहुत ही सुंदर लग रही थी हर चिकनी चिकनी गाल देखने में बहुत ही अलग अलग रहे थे। 

उसकी चूची शनिवार के अंदर से ही उछल रहे थे और इतने मेरा लैंड पेट के अंदर एकदम तने चला जा रहा था फिर भी हम अपने आप को कंट्रोल किए थे। 

खाना खाने के बाद पूजा पलंग पर चली गई और सो गई मुझे नीचे जमीन पर ही सोना पड़ा और रात भर हमें नींद नहीं लगी इतनी हसीन चेहरा देखने के बाद हमने रात भर मुट्ठी मार और सो गया।

दूसरे दिन हम सुबह उठे और नहा धोकर दुकान पर चले गए फिर दिन बीता और जब से हम वापस लौटे तो देख पूजा खाना-वाना बनाकर एकदम बिल्कुल रेडी थी और हमने कहा क्या बात है पूजा तुमने तो बहुत अच्छा किया। 

जब हमने ऐसा कहा तो पूजा थोड़ी दिन शर्माए और बोली बस हमें बनाना आता था।और हमने बना दिया उसे रात फिर से हमने खाना खाया और थोड़ी बहुत बातें हुई और मुझे गांव की बात पूछ रही थी। जैसे वहां पर खेती कैसे की जाती है। लोग कैसा व्यवहार करते हैं और मैं उसे अपने शहर की कहानी सुना रहा था। कैसे लोग यहां पर अपने जीवन और वह हस्ती रही और हम दोनों आपस में बातचीत करते रहे।

Mastram Ki kahaniya में कुंवारियों का मंत्र 

एक दिन मैं शाम को बहुत ज्यादा थक गया था और दिन शुक्रवार को सुबह परेशान था और घर पर आया तो पूजा खाना बनाई थी और मैं थोड़ा सा दारू पी लिया था क्योंकि बहुत थका हुआ था। 

पूजा:- आप दारू पिया है यह तो बहुत गंदी चीज है ना 

मैं:- जाति नहीं पिया हूं थोड़ा सा पिया हूं लो तुम भी ट्राई कर लो 

पूजा:- नहीं हम नहीं पीते। अभी पी लो 

मैं:- ठीक है तो चलो कुछ चटपटा बाना दो मजा आ जाएगा। 

पूजा:- हमें क्या मिलेगा?

मैं:- ठीक है पहले बनाओ फिर तुम्हारे लिए कुछ सोचता हूं। 

पूजा हंसते हुए चले गए आलू के पकोड़े बनाने. मैं अपने दारू का पैक बनाया और मजे से पीने लगा। 

फिर पूजा पकोड़े बनाकर लाई हम उसे खाने लगे पकोड़े बहुत ही स्वादिष्ट और मस्त थे और हम मनमानी खाए जा रहे थे और दारू पिए जा रहे थे फिर पूजा बोली बस करो कितना पियोगे। 

मैं :-अरे दारु मेरा दोस्त है इसलिए हम किसी से प्यार करते हैं। 

पूजा:- ठीक है तभी हमसे प्यार करने में क्या दिक्कत है तुमको।

मैं:- डर लगता है भाई कहीं रमेश को पता ना चल जाए। 

Mastram Ki Kahaniya
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पूजा:- यहां कौन बताने वाला है हम तो कुछ नहीं कहेंगे और उससे।

इतने में हम जो है मशीन होने का नाटक किया और पूजा से बोले कि तुम्हें गले लगाना का मन कर रहा है। फिर पूजा हंसने लगी और बोली तो लगा लो मैं कहां जा रहा हूं। 

फिर हम जब गले मिलने लगे तो पूजा हमें हल्की सी चुम्मा दे तो हमारे अंदर का मर्द वाली जवानी जाग गई मैंने पूजा को अपनी बाहों में कस के पड़ा और किस कर दिया और पूजा के नरम वोट हमें पागल कर दिए।

पूजा:- पागल हो गए हो अरे यह क्या कर रहे हो 

मैं:- आज हम तुमसे बहुत प्यार करेंगे क्योंकि मेरा नशा चढ़ गया है। 

पूजा:- सच में? 

मैं:- हां मेरी जान अब कैसे कहूं। 

मैं अब नशे का बहाना कर के पूजा को पकड़ लिया। चुम्मा चाती करने लगा और वह नखरा कर रही थी कि छोड़ो छोड़ो फिर भी हम उसकी आवाज नहीं सुनो। अब खेल शुरू होने वाला था हमने पूजा की कमर को सुहराने लगा और उसकी चूची को हल्का सा छुआ। और इसके बाद हम पूजा की सलवार में भी हाथ डाल दिए और जब मेरा हाथ अंदर गया तो पूजा की छुट्टी एकदम ग्राम और नरम लग रही थीं।हमने पूजा की चूत में अपनी उंगली को हल्का सा घुसा दिया और पूजा मसकसने लगी।

पूजा:- आहा हो हो यह क्या कर रहे हो छोड़ो ना। 

मैं:- कितना मजा आ रहा है थोड़ा प्यार करने दो। 

पूजा:- छोड़ो अगर कोई आ गया तो। 

मैं:- जहां पर कोई नहीं आएगा आज मेरा ख्याल चलेगा। 

पूजा के मुंह से आह ओ की आवाज आ रही थी और हम उसी के च** में अपनी उंगली को चल रहे थे और उसकी आंखें बंद हो गई थी चेहरा भी उसका लाल हो गया था। 

फिर ऐसे करते-करते हमने उसकी सलवार को खोल दिया लेकिन पूजा शर्मा रहे थे की बोली नहीं ऐसे ही करो पर मैंने उसकी बात नहीं मानी फिर हमने उसकी नीचे के कपड़ों को उतार दी और उसकी च** देखने लगी मेरा लैंड एकदम तन खड़ा हो गया।

Mastram Ki kahaniya मैं चूदाई की शुरुआत 

फिर हमने पूजा को बिस्तर पर सूत दिया और उसकी पूरी कपड़ों को निकाल दिया और सिर्फ ग्रह में वह उसके पैर इतने घर-बर और चूत की खुशबू से हम मस्त हो गए थे हमने उसकी पेंट की तरफ अपने लैंड को उसकी चूत पर रख दिया और वह बोली साजन रुको हमें डर लग रहा है। लेकिन हम कहां मानने वाले थे फिर हमने अपने आप लैंड को उसके छुटी में डाल दिए।

जैसे ही हमने अपने ल** को उसकी च** में डाला और धक्का मारने लगा मेरा लन्ड उसकी चूत में समा गया। और उसकी चूत से खून की बहुत धीरे-धीरे टपकने लगी और वह दर्द से चिल्लाने लगी बोली साजन निकालो बहुत तेज दर्द हो रहा है। और वह रोने लगी लेकिन हमने उसे कसकर पकड़ा और पेलाना शुरू कर दिया।

पूजा तो शुरू में दर्द हो रहा था चिल्ला रही थी लेकिन फिर धीरे-धीरे उसको भी मजा आने लगा और उसकी चूत अब पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।

और आप इस च**** में पूजा भी हमारे साथ देने लगी और ऊपर नीचे करने लगी हम मन लगाकर चोदने लगे और पूरे कमर में पाठ पाठ की आवाज गुजरने लगी। 

पूजा:- पूजा बोली फिर धीरे करो बिल्कुल पागल हो गए हो क्या। 

मैं:- अरे रुको ना भी बहुत मजा आएगा मजा आ रहा है क्या? 

पूजा:- शरमाते हुए बोली कुछ कुछ आ रहा है 

मैं:- अब मत शर्मा हमने तुम्हारी चूत का सील तोड़ दिया है।

इस बार हमने उसे घोड़े की तरह बनाया और पीछे से लैंड पेल दिया और इस बार लैंड को अंदर जाने में दिक्कत नहीं हुआ फास्ट से चला गया और वह ऊऊ ईई करने लगी।

उसकी च** इतनी नरम और मुलायम थी कि मेरा लैंड लंबा-लपालप अंदर बाहर कर रहा था और उसकी चूची को पकड़ के मसाला भी रहे थे हम। 

ऐसे ही तकरीबन हम 20 मिनट तक उसकी च**** करते रहे अंत में जाकर मेरा पानी निकाला और हम थक गए फिर उसे आराम करते हुए बिस्तर पर लेते पूजा की सांस बहुत तेज चल रही थी।

और उसका चेहरा पूरा पसीना से पानी पानी हो गया था।मैंने उसे गले से लगाए और बोला पूजा मजा आया ना फिर वहां बोलने में शर्म आ रही थी बोली ठीक है। बस करो अब सोने दो फिर उसे टाइम बाद तक हमने नंगे एक बिस्तर पर लेट गए।

Mastram Ki kahaniya मैं चूदाई की रात 

अगले दिन हम हमें उठने से पहले पूजा हो चुकी थी और किचन में चाय वगैरह बना लेती मुझे अच्छी और शर्माने लगी फिर हमने पूछा रे क्या हुआ आप क्यों शर्मा रही हो कल रात में जो हुआ मजा आया ना।

वह बोली अरे बहुत ठीक था मजा आया खूब चुप थी लेकिन यह सब चीज उसके हंसने और मुस्कुराने से पता चल रहा था कि उसको भी मजाआया। 

उसे दिन के बाद से हम दोनों की जिंदगी बदल चुकी थी हम दुकान पर जाते हैं और पूजा घर पर खाना बना दे फिर लौटते हंसते-खाते ऐसे ही रहते बीत जाती एक दूसरे को मिलते जुलते हर रात ऐसे ही बीत रहा था और मैं हर रात से बिस्तर पर लेट कर चोदता रहा।

कभी हम उसके ऊपर चढ़कर छोड़ते कभी वह हमारे ऊपर चढ़ जाती अब वह धीरे-धीरे बिल्कुल अब शर्मा नहीं रही थी। 

एक रात में हमने पूजा से कहा चलो आज कुछ हम नया करते हैं वह बोली क्या नया करना है।हमने हंसते हुए कहा कि आज हम तुम्हें नंगा करके छत पर ले जाएंगे इतना सुनने के बाद पूजा तो डर गई बोली पागल हो गए हो तुम कोई देख लेगा तो।

फिर हम बोले अरे इतनी रात को कौन देखेगा फिर हम पूजा को अपने गोद में उठाएं और छत पर लेकर चले गए छत पर दम ठंडी हवा चल रही थी हम दोनों नंगे थे लिपटकर छत पर तो चले गए और हमने उसे दीवार के सहारे खड़ा कर दिया मेरा लैंड टैंक खड़ा था और मैं छोड़ने लगा फिर भी वांटेड रही थी और मजा भी ले रही थी और चिल्ला रहे थे अहहहाह अहहहाह…… ।

ऐसे ही यह काफी दिन तक चलता रहा पूजा आप सिर्फ हमारे लिए एक लड़की नहीं थी वह हमारी जिंदगी में आ गई थी हम एक दूसरे के लिए हमेशा तैयार रहते थे हर चीजों के लिए लेकिन हमें लग रहा था कि यह खुशी ज्यादा दिन तक चलने वाली नहीं है।

ऐसे ही हम दोनों एक दूसरे के साथ च**** करते रहें हर रात हम लोगों के लिए बहुत ही रंगीन हो रही थी। फिर एक दिन हम दोनों च**** कर रहे थे तभी मेरा भाई आ गया और देख लिया फिर आगे बहुत बुरा हुआ। 

आगे की कहानी को हम दूसरे पाठ में बताएंगे तो इसके लिए आप इस कहानी के दूसरे पार्ट को जरूर पढ़ें आगे बहुत कुछ हुआ जान। 

लड़की को कैसे पटाया जाए? 

दोस्तों लड़की को पटना बहुत ही आसान है। आप किसी भी लड़की को देखो और थोड़ा सा स्माइल करो और देखो की क्या वहां भी स्माइल कर रही है। क्या और ऐसे ही धीरे-धीरे उससे बात करने का प्रयास करो और अपनी बातों को धीरे-धीरे आगे बढ़ा दो और लड़की पट जाएगी।

निष्कर्ष: 

तो दोस्तों यह थी हमारी और पूजा की चूदाई की पूरी कहानी हमने एक कुंवारी लड़की को कैसे चोदा फिर हम एक दूसरे से प्यार करते रहे आखिर में यह रिश्ता कैसे चला अगर आपको इस कहानी से कुछ मजा आया है जरूर बताएं और ऐसे ही कहानी पढ़ने के लिए हमारे इस वेबसाइट को बुकमार्क करें।

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