आप सबने Mom Hindi sex Story के पिछले वाला काहानी को बहुत प्यार दिआ है। और जिन लोगों ने अब तक उस काहानी को नहीं पढ़ा है वो इहाँ पर जाकर पढ़ सकते हैँ।
पिछले काहानी के तरह यह Mom Hindi sex Story भी उतना ही रोमांचक है जितना आओ सोच रहे हैँ। पिछली काहानी मे मेने बताया था की करसे मेने अपनी माँ के साथ चुदाई किआ।
और इस काहानी मे बताने वाला हूँ कैसे मेरे दोस्त ने भी उसकी माँ के साथ रात गुजारा। मेरा ही दोस्त है मुझसे ही सिख कर अपनी माँ को चोदने केलिए मनाया और फिर पूरी रात घमासान चुदाई किआ।
काहानी बहुत रोमांचक होने वाला है इसलिए इसे ध्यान से पढ़ो और मजा लो। अपने हाथ मे लंड को पकड़ कर बैठ जाओ आज लंड का पानी अलग अंदाज मे निकलने वाला है।
Mom Hindi sex Story आरम्भ
मेरा नाम राज है और आपने मेरी पिछिले काहानी को पढ़ा ही होगा जिसमे मेने बताया था की कैसे मेने अपनी बहन की चुदाई किआ था। ऐसे ही आज मैं अपनी माँ के बारे मे बताने वाला हूँ।
मेरी माँ उम्र से पहले ही शादी कर ली थी इसलिए आज भी वो जवान दिखती है। पापा रोज घर मे दारु पी कर आते हैँ और सो जाते हैँ। ऐसे हालात मे माँ की प्यास बुझाने वाला कोई नहीं था।
माँ दिखने मे बहुत सुन्दर और हरी भरी औरत है कोई भी मर्द अगर एक बार देख ले तो चोदना चाहेगा। ऐसी सेक्सी औरत को कोई भी पाना चाहेगा और फिर मैं भी एक मर्द हूँ।
मेने जब से होस संभाला है देखा है की माँ कैसे ब्लाउज पहनती है जिसमे से आधी चूची बाहार दीखता है। और मैं उसीको याद करके ही मुठ मार लेता हूँ।
लेकिन मेरे मन मे उन चूचिओं को पकड़ने का आशा कई दिनों से पलटा आ रहा था। अब तक बस मुठ मार कर ही गुजारा हो जाता था।
कई बार मेने माँ को नंगा भी देखा लेकिन यह सब व्यर्थ था जब तक मुझे चुत का दर्सन नहीं होता तब तक। इधर मैं चुत केलिए तड़प रहा था और उधर माँ अपनी प्यास मे तड़प रही थी।
मैं चाह कर भी उन्हें नहीं केहे सकता था की मुझे आपकी चुत चाहिए क्योंकि, रिश्ते भींच मे आ जाता था। ऐसे ही कीच दिन और चला और आखिर मे रोजाना घर मे झगड़ा होने लगा।
कई बार माँ मेरे कमरे मे सोने लगी और मेरी बेचैनी और बढ़ने लगी। रात को कोशिश करता की कमसेकम चूची पकड़ने मिल जाए लेकिन डर भी लगता था की कहीं माँ घुसा ना हो जाए।
Mom Hindi sex Story मेने माँ को पटाया
कुछ दिनों तक ऐसे ही माहौल चलने के बाद एक दिन ऐसा आया जिस दिन मैं और माँ एक हो गए। चलिए अब आपको आगे की काहानी बताता हूँ।
बात उस दिन की है जब पापा घर में दारु पि कर ए थे और माँ ने सायेद उन्हें प्यार करने केलिए कहा होगा और पापा तो सो गये. इससे माँ को गुषा आया और उन्होंने चिल्लाना शुरू कर दिया. मैं उनके कमरे इ गया तो माँ बहुत जोर जोर से चिल्ला रही थी.
मैं:- क्या हो गया माँ?
माँ:- कुछ नही तू जा सो जा.
मैं:- बताओ न क्या हुआ पापा दारु पाई हैं क्या?
माँ:- हाँ अब तो रोज का हो गया है इस आदमी के साथ नही रहेना चाहती.
मैं:- ठीक है आप मेरे कमरे में सो जाओ.
माँ:- हाँ चल मैं आती हूँ.
थोड़ी देर बाद माँ मेरे कमरे में आ गयी जो पहेले भी बहुत बार आती थी और यह एक साधारण बात हो गया था, लेकिन आज माँ की चुदाई उसके बेटे के लंड से होने वाला था.
हमेशा की तरह माँ मेरे कमरे में आकर सो गयी और उनकी चूची ब्लाउज के अन्दर से बाहार दिख रहा था. ऐसा भयंकर नजारा था की मेने खुद पर नियंत्रण खो दिया. इतने दिन हो चुके थे इसलिए मेने हिम्मत करके माँ के पास सो गया.
माँ भी कुछ बोली नही क्योंकि यह तो एक साधारण बात थी. फिर मेने सोचा की क्यों न एक बार कोसिस किआ जाए अगर कुछ गड़बड़ हुआ तो बाद में संभाल लेंगे. ऐसा सोच कर मेने माँ को छूँने लगा।
माँ सो रही थी और अंगड़ाई ले रही थी और मेने भी उन्हें सेहेलाना शुरू किआ। माँ को आराम लग रहा था और इसीलिए लिए वो बस मजे ले रही थी।
फिर मेने देखा माँ अपनी आखें खुली और हल्का हस्ते हुए बोली।
माँ:- क्या बेटा क्या कर रहे हो?
मैं:- नहीं माँ बस आपको मालिस कर दे रहा था।
माँ:- ठीक है अच्छे से कर दे।
मैं:- सच मे कर दूँ?
माँ:- हाँ हाँ अच्छा लग रहा था।
मेरा हिम्मत और बढ़ गया और मेने माँ को अलग तरह से मालिस करने लगा। कभी मेरा हाथ उनकी चूची के ऊपर से जा रहा था तो कभी कमर मे होते हुए पेट के तरफ।
कभी कभी उनकी साडी के अंदर हाथ जा रहा था और चुत की झांटे मेरे हाथ मे लग रहा था। और मेरा लंड चुदाई केलिए तैयार हो रहा था। ऐसे हालात मे मेने खुद पर काबू रखा और मालिस जारी रखा।
कुछ देर मालिस करने के बाद माँ ने काहा थोड़ा कमर मे अच्छे से कर दे। तो मेने काहा की आप साड़ी उतार दो तभी अच्छे से मालिस होगा।
माँ ने कुछ भी ना सोच कर अपनी साड़ी को खुल दिआ। अब मेरे सामने मेरी माँ पेटीकोट और ब्लाउज मे पड़ी थी जिसे मैं थोड़ी देर मे चोदने वाला था।
मेने मालिस शुरू किआ और इस बार मालिस करने का को हद नहीं रहा। कभी मेने जांघो को दबाया तो कभी चूचिओं को। मालिस ऐसा हुआ जिससे माँ भी गरम होने लगी।
माँ बेटा चुदाई शुरू हुआ
माँ की मुंह से मदहोस भारी अवजें निकल रही थी और चुदाई केलिए वो खुद को तैयार कर रही थी। मेने हिम्मत करके माँ की पेटीकोट को उतार दिआ।
माँ ने मेरे तरफ देखा और बस छोटी सी मुस्कुराहट से चुप हो गयी। मैं समझ गया की अब इस औरत को घमासान चुदाई की जरुरत है। और फिर क्या था मेने झाट से माँ की चूची को पकड़ लिआ और जोर से दबा दिआ।
माँ:- क्या कर रहे हो तुम बेटा।
मैं:- कुछ नहीं माँ ऐसे ही मालिस कर रहा हूँ।
माँ:- मालिस मेरा कपड़ा उतार कर?
मैं:- हाँ थोड़ा अच्छा मालिश हो जाएगा।
माँ:- तो फिर पूरा खोल दे।
मैं:- सच मे? डर लग रहा है मुझे।
माँ:- केसा डर मजा लेना चाहता है तो लेले।
मैं तो शोक हो गया की माँ ऐसे केहे रही है। और बहुत खुशी भी लग रहा था की मेरा मन को इच्छा अब सच होने वाला है। इसलिए मेने और समय बर्बाद नहीं किआ और सीधा माँ की चड्डी को उतार दिआ।
मैं चाहता तो थोड़ा प्यार कर सकता था लेकिन मुझसे रहा नहीं जा रहा था इसलिए मेने चड्डी को उतार दिआ और मेने सामने एक बड़ा और मोटा चुत था जो अपने ही झांट से छुपा हुआ था। मेने अपना हाथ चुत मे रखा और ऊँगली को घुसेड़ दिआ।
माँ:- ससससससस बेटा क्या कर दिआ तूने। उम्मम्मम्म…….
मैं:- केसा लग रहा है बताओ माँ और करों?
माँ:- आआआआआ कितना मजा आ गया करते रहे मालिस।
मैं:- पूरा नंगी हो जाओ मजा आएगा।
माँ:- जल्दी कर मुझे चोद अच्छे से।
मैं:- चुत की मालिश कर दूँ अच्छे से?
माँ:- उम्म्म्म ससससससस आआआ हाआआ।
मेने अपना लंड निकाला और माँ की चुत मे रख कर एक ही झटके मे अंदर डाल दिआ। माँ तो ऐसे तड़प उठी जैसे वर्षों पुराना प्यासे को पानी मिल गया हो।
माँ:- अब रुकना नहीं कर जोर जोर से।
मैं:- ठीक है नहीं रुकूंगा।
माँ:- आजा चोद अच्छे से फाड़ दे मेरी चुत।
माँ अपनी गांड उठा उठा कर मेरे लंड पर टकरा रही थी और मैं जोर जोर से धक्का मार कर चुदाई कर रहा था। फिर माँ ने खुद मुझे लेटा दिया और मेरे ऊपर आ गयी और फिर मेरा लंड को अपनी चूत में डाल कर उस में उछलने लगी.
अपनी चूची को दबा रही थी और मदहोश में मेरे लंड का मजा ले रही थी. मैं तो जन्नत में था सब कुछ इतना जल्दी हो रहा था की मुझे कुछ समझ में ही नही आ रहा था. ऐसे ही हमारा Mom Hindi sex Story आधे घंटे तक चला फिर मेरे लंड ने जवाब दे दिया.
माँ:- अरे इतना जल्दी छोड़ दिया?
मैं:- हाँ माँ रहा नही गया.
माँ:- ठीक है तुझे मैं सिखा दूँगी केसे औरत को खुश करते हैं.
मैं:- केसे करते हैं?
माँ:- अभी मेरी चूत दर्द होना चाहिए जल्दी खड़ा कर और शुरू हो जा.
मैं:- अभी केसे खड़ा होगा.
माँ:- मुझे लंड चोसने बोल.
मैं:- ठीक है मेरा लंड चुसो.
माँ ने मेरा लंड को पकड़ा और ऐसे चूसने लगी जेसे कोई चॉकलेट हो और थोड़ी ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. अब तो फिर से चुदाई केलिए मैं तेयार था और माँ तो पहेले से ही अपनी चूत खोल कर रखी थी. बस फिर क्या था दोनों ने इतना चुदाई किआ की मेरे जीवन का सबसे अच्छा Mom Hindi sex Story बन गया.
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आज हमने क्या सिखा?
आजके Mom Hindi sex Story में हमने सिखा की रिश्ता चाहे जो भी हो अगर एक औरत की प्यास नही बुझती है तो वो किसी भी हद तक जा सकती है और किसीसे भी चुदाई कर सकती है. और हमने यह भी सिखा की अगर चुदाई का मन हो तो रिश्तों को भुलाकर आगे बढ़ना चाहिए.
क्या माँ बेटा चुदाई कर सकते हैं?
हाँ, अगर दोनों की येही इच्छा है तो एक दुसरे को सुख देने केलिए कई बार चुदाई कर सकते हैं.
क्या माँ बेटा चुदाई करना गलत है?
रिश्ते हम मनुष्यों ने ही बनाया है, पुरातन काल में कोई रिश्ते नही होते थे जिसका मन जिसे चाहे चोद सकता था और बच्चा पेड कर सकता था. अगर देखा जाए तो आज हम सभी भाई बहन और माँ बेटा ही हैं. इसलिए यह किसी भी तरीके से गलत नही है. आखिर दोनों को ही चुदाई चाहिए और दोनों का गुप्तांग एक दुसरे केलिए तड़पते हैं.